समाज निर्माण


   
                                                         समाज एक दर्पण                                                                                                                                                             
      समाज एक दर्पण है जिसमे आने वाली पीढ़ी अपना अतीत देखती है अब ये समाज के बड़े बुजुर्गो को सोचना है कि आने वाली नयी युवा पीढ़ी के सामने वो किस तरह का समाज पेश करना चाहते है . सम्भवतः सभी समाज के बड़े बुजुर्ग एवं समाज के प्रति उच्च सोच रखने वाले व्यक्ति यही चाहते है कि उनके वंशज आने वाली नयी पीढ़ी के नवजात शिशु एक स्वच्छ समाज में अपनी आँखे खोले . उनके द्वारा दिखाए गए उच्च संस्कारो और संस्कृति को नए युवा अपने सोच और समझ के सामर्थ्य से आगे बढ़ाये ! हमें उनका कल सवारने लिए हमे हमारे समाज को आज एक नयी दिशा प्रदान करने कि आवश्यकता है किसी भी समाज के लिए भविष्य के मुख्य लक्ष्य का निर्धारण करना जरूरी होता है हमें हमारे लक्ष्यों का निर्धारण कुछ इस तरह से करना होता है कि आने वाले समय में उन्हें ज्यादा कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े जो वक़्त के साथ अपना तालमेल बनाए रखे और साथ ही युवावो का मार्गदर्शन भी करें. जो समय बीत गया वो अच्छा था और जो चल रहा है वो भी अच्छा है पर आने वाले वक़्त को अच्छा बनाने के कुछ बदलाव की आवश्यकता है और वो आपको और हमे ही लाना है कैसे ?
जैसे कुछ पाने के कुछ खोना पड़ता है इसी तरह से कुछ बदलने के लिए भी हमे स्वयं को बदलना होगा हमारी सोच का लेवल यानि कि दायरा भी बढ़ाना होगा जिसमे पुरानी रूढ़िवादी रीतियों को बदलकर एक नए आयाम को कायम करना होगा आप ये नहीं कह सकते कि समय नहीं है क्योंकि आपको भी उतना ही समय ( 24 ) घंटे का समय मिलता है जितना समय एक महान और सफल व्यक्ति बन ने में लगता है सपने वो नहीं है जो हम देखते है सपने तो वो होते है जिन्हे हम साकार स्वरूप प्रदान कर समाज के सामने प्रत्यक्ष रूप में खड़ा करते है अगर हम चाहे तो अपनी मेहनत और लगन से आने वाले समय को बदल सकते है उसका भविष्य निर्धारित कर सकते है हम अपनी सारी शक्ति को एक मूल स्वरूप प्रदान कर युवावो के लिए एक प्रेरणा कायम कर सकते है
सर्वप्रथम हमें समाज में छिपी हुई बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए जैसे कि दहेज़ प्रथा, विधवा विवाह, मृत्यु भोज जैसी बड़ी कुरीतियों के जल्द से जल्द दूर करने कि जरुरत है जो कि अभी से विकराल रूप धारण करके हमारे सामने खड़ी है इन्हे रोकने के लिए हमें आज ही कुछ ठोस कदम उठाने कि जरुरत है जो समाज और आने वाली पीढ़ी के लिए एक आधार स्तम्भ बने और हमारा समाज एक स्वच्छ समाज के श्रेणी में आये ! वैसे तो कुरीतियों के दुष्परिणामों से भली भांति वाकिफ है ! पर फिर भी  मै आने वाले ब्लोग्स में  इन कुरीतियों पर कुछ प्रकाश अवश्य डालना चाहुगा !
                                                                                                                                    क्रमश :     

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