समाज और सोशल मीडिया
आज के आधुनिक युग में वक़्त सबसे महंगा साबित हो रहा है जिसे देखो वक़्त से आगे निकलने की कोशिश में लगा हुआ है वक़्त को बचाने के लिए टेकनोलोजी ने दुनिया को एक ऐसा प्लेटफार्म दिया है जिसे सोशल मीडिया कहा जाता है सोशल मीडिया ने आम आदमी की दूरियों को कम करके एक मोबाइल फ़ोन कंप्यूटर में बंद कर दिया है सोशल मीडिया ने दो अंजान लोगो को मिलाया है और दुनिया की हर खबर से रूबरू कराया है अपने विचारों को दुनिया से शेयर करने का एक मंच दिया है और अच्छे लेख आर्टिकल ज्ञान वर्धक बातो का ज्ञान कराया है हमारे अपनों से मिलाया है परायों को अपना बनाया है हम जिस से जब चाहे जिस वक़्त चाहे बात कर सकते है कुशल क्षेम पूछ सकते है और अपने बारे में उन्हें बता सकते है सोशल मीडिया आज समय की मांग और जरुरत हो गया है जो अनिवार्य रूप से लागु होने के समान सा हो गया है रात को सोते समय अपने सारे मैसेज पढ़ करके सोते है पर फिर भी सुबह उठते ही सबसे पहले अपने मोबाइल पर सोशल मीडिया पर अपने मैसेज देखते है कि किसी मित्र बंधू या किसी समाज बंधू का कोई मैसेज या अपडेट तो नहीं आया है घर से बाहर निकलने से पहले हर व्यक्ति ये चैक करता नजर आता है की उसने अपना मोबाइल लिया या नहीं . और अगर गलती से मोबाइल की बैटरी low हो जाये या फ़ोन बंद हो जाये तो मानो जैसे दुनिया ही रुक सी गई हो . सारी दुनिया से हमारा संपर्क जैसे समाप्त सा हो गया है और उसी पल से मोबाइल को चार्ज करने के लिए इधर उधर दौड़ने लग जाते है और जब चार्जर और चार्जिंग पॉइंट मिल जाता है तो जैसे जंग जितने जैसी ख़ुशी का अहसास होता है ऐसा ही एक वाकया मेरे साथ घटित हुआ जब कंपनी के कार्य से मुझे घर से बाहर जाना था ! रात को में स्टेशन पर ट्रैन का इंतजार कर था ठीक उसी समय एक बंधू जिन्हे भी उसी ट्रैन में सफर करना था मेरे पास वाली ब्रेंच पर आकर बैठे. शायद किसी शादी के फंक्शन में उन्हें जाना था और वो हड़बड़ाहट के साथ अपने पेंट और शर्ट की जेब को बार बार चेक किये जा रहे थे शायद वो घर पर कुछ भूल आये थे इधर का ट्रैन का समय हो चला था स्पीकर में ट्रैन का अनाउसमेंट हो चूका था अब उनकी बेचैनी बढ़ती जा रही रही थी तो मेने जाकर उनसे पूछा की अंकल कुछ परेशानी हो तो मुझे बताए मैं कुछ सहायता कर सकता हु तो उन्होंने मुझे देख कर कहा कि में अपना मोबाइल फ़ोन जो की शायद गलती से घर भूल आया हु सो परेशान हु की क्या करू तो मेने अपना सेल फ़ोन निकल कर उन्हें देकर कहा कि घर पर किसी को फ़ोन कर ले अभी ट्रैन आने में 10 मिनट कि देरी है तब तक कोई फ़ोन ले आये . तो उन्होंने फटाक से मेरे फ़ोन लेते हुए कुछ नंबर डायल किये . फ़ोन पर शायद उनका लड़का था जिसे वो फ़ोन लाने को कह रहे थे उनके लड़के ने उन्हें कहा कि कल मम्मी और बाकी परिवार आ रहा है तो उनके साथ फ़ोन भेज देगा . तभी अंकल भड़क से गए और कहा कि तुम्हारी मम्मी आये या न आये पर मेरे फ़ोन 5 मिनट में मेरे पास पहुंचना चाहिए . में ये देख अचम्भित सा हो गया कि फ़ोन में ऐसा क्या है आज नहीं तो कल बाकि कि फैमिली के साथ आ जायेगा तो मेने उनसे कहा कि अंकल कल जब फैमिली आ रही है तो फ़ोन भी तो कल आ सकता है. पर जब मेने उनका जवाब सुना तो मैं अपने आप को हसने से न रोक पाया उन्होंने कहा कि शाम को व्हट्स एप्प ग्रुप में चर्चा होनी है जो कि जरुरी है मेने पूछा कैसा ग्रुप है तो उन्होंने कहा कि बस टाइम पास है पर बिना मोबाइल के जैसे कुछ भी साथ नहीं है. जीवन में पहली बार अहसास हुआ कि हम टेकनोलोजी के कितने आदी हो गए है एक पल भी हमसे हमारा मो. दूर हो जाये तो तो हम अपने आप को कितना असहाय मान ने लग जाते है और आज से 20 साल पहले कि अगर बात करें तो कभी किसी ने सोचा भी न होगा कि एक दिन ऐसा आएगा कि दुनिया हमारी मुठी में ही सिमट कर रह जाएगी .आज जहा सोशल मिडिया ने दुरियो को कम किया है दुर विदेश मे बैठे हमारे समाज बन्धु जिसका हमने कभी नाम भी नही सुना उससे मिलाया है और नई जानकारिया उपलब्ध कराई है जो ज्ञान कभी सुना नही हो पढा नही हो उससे अवगत कराया है हमे सोशल मिडिया का शुक्रगुजार होना चाहिए जिसने दो गांवो दो शहरो दो राज्यो और और देशो की दुरी का समापन कर सभी सद् विचार वाले लोगो को एक माला मे पिरोया है पर इसी सोशल मिडिया ने ही कुछ घातक परिणाम भी सामने दिये है जो कि पूर्णतया सत्य भी है और नुकसानसान दायक भी है
जैसे:-
१. आज की युवा पीढी सोशल मिडिया मे इतना खो गई है कि उन्हे पास मे बैठे किसी रिश्तेदार तक का होश नही रहता वह उनकी किसी बात का रिप्लाय हां हुं और हम्म मे ही देते नजर आते है सोशल मीडिया ने दो देशो की दुरिया को दुर किया है वही अपनो से दुरिया बढाने मे भी अहम रोल निभाता नजर आ रहा है कभी कभी तो हम इतना खो जाते है कि हमे अपने खाने की जो कि जीवन के सबसे ज्यादा उपयोगी है और इस मानव शरीर की जरूरत भी है उसकी ही सुध बुध खो बैठते है..
२. सोशल मीडिया का उपयोग ज्यादा बढ़ने से युवावो का ध्यान भटक रहा है उन्हें पढाई से ज्यादा सोशल साइट्स पर रहना ज्यादा पसंद आने लगा है किसी भी वस्तु या चीज का उपयोग उतना ही करना चाहिए जितनी की जरुरत हो . जरुरत से ज्यादा कुछ भी हमेशा नुकसानदायक ही रहता है
३. फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स का प्रयोग आम जनता एक दूजे से मिलाने के लिए किया जाता है पर इन्ही साइट्स पर कुछ अश्लील, भद्दी और आपत्तिजनक पोस्ट भी आती है जो कि समाज के लिए हानिकारक है जहां तक संभव हो हमे ऐसे लिंक ऐसी पोस्ट से बचना चाहिए
४. किसी भी काम को करने के लिए एक समय का निर्धारण करें ज्यादा समय अगर आप सोशल साइट्स पर बिताएंगे तो आपके व्यापर, आपकी दिनचर्या पर इसका सीधा असर आएगा आप ना चाहते हुए चिढ़चिढ़े स्वभाव के से हो जाएगे आप हर समय छोटी से छोटी बात पर झुँझला जाएंगे तो इन सब से बचने के लिए अपनी दिनचर्या को आवश्यकता अनुरुप सेट करें
५. अपने व्यापर या परसनली मुख्य बाते किसी अंजान व्यक्ति से शेयर ना करें पता नहीं कौन कब किस समय गलत फायदा उठा ले. सम्भव हो सके तो अपने मित्र सिमित रखे और उनके साथ एक दोस्ताना रिलेशन ही निभाए
६. कभी किसी तरह कि गलत पोस्ट या गलत समाज विरोधी या देश विरोधी पोस्ट को शेयर ना करें और ना ही उन पर किसी प्रकार कि कोई गलत प्रतिक्रिया गलत टिपण्णी करें क्यूंकि सरकार ने सब जगह अपनी नजरे बना रखी है क्यूंकि किसी भी प्रकार की जातिवाद, समाजवाद भड़काऊ या अश्लील और आपत्तिजनक पोस्ट क़ानूनी अपराध है सो ऐसी पोस्ट से हमेशा बच कर रहे !

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें