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प्यार जिंदगी है

प्यार क्या है इसके बारे में अलग अलग लेखकों, कवियों ने अपने लेखन और कविताओं के माध्यम से बताने की कोशिश की है. पर असलियत में प्यार क्या है इसे बताने के लिए, या जाहिर करने के लिए कोई शब्द ही नहीं बने है क्यूंकि प्यार वो अहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है इसके बारे बताया या अहसास नहीं कराया जा सकता.. प्यार एक अजीब से खुशी का अहसास कराता है एक अलग ही दुनिया के अनुभव से मिलाता है जैसे मानो सारे जहा की खुशिया हमारे लिए ही बनी है .. प्यार के कई अलग अलग स्वरूप है जिसे में आपसे शेयर करना चाहुगा.. माता पिता का प्यार भी प्यार होता है भाई - बहन परिवार वालो या रिश्तेदारों का प्यार भी प्यार ही होता है एक लड़के और एक लड़की के आपसी प्रेम को भी प्यार ही कहा जाता है एक नन्हे बालक का अपने माता पिता के लिए वो हसी भी प्यार का ही स्वरूप है ।

पर आज के ज़माने में ना जाने क्यों प्यार खो सा गया है शायद प्यार की परिभाषा को एक अलग ही नजर से देखा जा रहा है जैसे माता पिता के प्यार को उनके फर्ज का नाम दिया जा रहा है कि उन्होंने जो किया वो उनका फर्ज था. भाई बहन के प्यार को स्वार्थ या ढोंग के नामो से नवाजा जा रहा है एक लड़का और लड़की के प्यार में भी सिर्फ टाइम पास या अश्लीलता या हवस तक ही सिमट कर रह गया है क्या प्यार सिर्फ किताबो कहानियो या किस्सों में ही सिमट कर रह गया है क्या वास्तव में इस आधुनिक युग में आकर हम प्यार जैसे सुन्दर और खूबसूरत अहसास को भूल चुके है ।
माता पिता के प्यार का कोई मोल नहीं होता माँ कि ममता अनमोल होती है स्वयं भगवन भी माँ कि ममता के प्यार के भूखे थे उन्हें भी माँ कि ममता कि याद सताती थी और वो एक नया अवतार लेकर इस धरती पर जन्म लेते थे और माँ के प्यार अनमोल और मीठे सुख का आनंद लेते थे कान्हा जी और मैया यसोदा, भगवान श्रीराम और माता कौशल्या, गजानंद जी महाराज और माता पार्वती । जब भगवान को माँ के प्यार से इतना मोह था तो आज के बालको को ये समझ में क्यों नहीं आता कि माता पिता का प्यार निश्छल होता है निस्वार्थ होता है ये उनका फर्ज नहीं उनका अपने बच्चो के लिए प्रेम होता है तो फिर आज के बच्चे उस प्यार को क्यों नहीं समज पाते । क्यों अपनी पत्नी, अपनी प्रेमिका या प्रेमी, या दुसरो के लिए उन्हें छोड़ कर चले जाते है क्या उनका प्यार माता पिता के प्यार से ज्यादा बड़ा होता है ।

एक छोटी बहन के नन्हे हाथो से बाँधी गई राखी हमारी कोसो दूर बैठे रक्षा करती है एक बहन एक कच्चे धागे से बनी हुई राखी को अपने भाई कि कलाई से बांधकर उसकी लम्बी उम्र कि कामना करती है और उस से ये वचन लेती है कि वो हर हाल में उसकी बहन कि रक्षा करे क्या एक कच्चे धागे से बाँधी गई एक राखी ये काम कर सकती है नहीं ना... ये एक अहसास ही है कि जो कच्चे धागे कि डोर अपने भाई कि कलाई पर प्यार से बांध रही है वो प्यार उसकी और उसके भाई की रक्षा करेगा उस धागे में प्यार की शक्ति होती है भाई को बहन से और बहन को भाई से बांध कर रखती है।
इसी तरह हर रिश्ते में एक प्यार छुपा होता है बस जरुरत है उस प्यार को पहचानने की उसे महसूस करने की उसे समझने की . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्यार के अहसास के मीठे आनंद को ना भूलिए उसकी कद्र कीजिये और अपने जीवन को सुखी और सफल बनाइये क्यूंकि प्यार जिंदगी है !
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